मुंबई हिंदी विद्यापीठ
स्थापना
मुंबई हिंदी विद्यापीठ की स्थापना 12 अक्टूबर 1938 को हुई थी।
मुख्यालय
मुंबई हिंदी विद्यापीठ का मुख्यालय मुंबई के माहिम पश्चिम मेंविद्यापीठ कार्यालय
306/307, उद्योग मंदिर नं. 1, धर्मवीर संभाजीराजे मार्ग, माहिम (पश्चिम), मुंबई – 400016. स्थित है।
स्थायी मान्यता
मुंबई हिंदी विद्यापीठ को भारत सरकार द्वारा 5 मई 1988 को स्थायी मान्यता प्रदान की गई।
महाराष्ट्र सरकार की मान्यता
महाराष्ट्र सरकार ने 28 फरवरी 2007 को मुंबई हिंदी विद्यापीठ की उत्तमां (मैट्रिक 10), भासा रत्न (12 यानी इंटर), और साहित्य सुधाकर (बीए हिंदी) परीक्षाओं को समकक्ष मान्यता प्रदान की है।
उतीर्ण छात्र के आगे अभ्यास हेतु कुछ सरकारी विश्व विद्यलय एवं बोर्ड में आगे प्रवेश मिलता है जेसे की उतमा (10 समकक्ष ) परिक्सा पास उमेदवार को 11 हाई स्कुल बोर्ड में और भासा रत्ना ( 12 समकक्ष परिक्सा )पास को आगे कुछ विश्व विध्यालय में प्रवेश मिलता है और आगे साहित्य सुधाकर पास परिक्सा पास को मास्टर में प्रवेश मिलता है जिसका प्रवेश प्रकिया केंद्र संचालक के द्वारा ही होता है
उत्तर भारत की मान्यता
गुजरात ,राजस्थान कर्नाटक, मध्य प्रदेश, और बिहार सरकारों ने भी मुंबई हिंदी विद्यापीठ की परीक्षाओं को समकक्ष मान्यता प्रदान की है।
कर्नाटक राज्य सरकार में सर्कुलर नंबर को क्रमांक हिंदी 1837-59 पब्लिक 7 1 - 72 दिनांक 16.11.1971 द्वारा स्थाई मान्यता प्राप्त है
मध्य प्रदेश सरकार में सर्कुलर नंबर क्रमांक हिंदी 595 - 1083/1(३) dinank 18.9.1973 द्वारा स्थाई मान्यता प्राप्त हे
बिहार राज्य सरकार में आदेश क्रमांक नंबर सम. 8/आर 1 203/७३ का 12860 दिनांक 21 July 1975 मान्यता है
राजस्थान माध्यमिक बोर्ड में पत्र क्रमांक दी 1627 जी/ए/ 11-61 दी 16 फरवरी 1961 द्वारा हिंदी भाषा रत्न और उसे ऊंची परीक्षाएं उत्पन्न छात्र को केवल एक विषय अंग्रेजी लेकर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की हाई स्कूल में परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति हे
गुजरात सरकार में साहितय सुधाकर पास उमेदवार को बी ए एस टी सी पगार और प्रमोशन दिया जाता है सर्कुलर नम्बर (शिक्षण नियामक कचेरी जा.न. 18/मबश/पे – स्केल/घ/१०३७२ अमदाबाद ता २-११-७६)
.R B I द्वारा साहित्य सुधकर को बी ए हिंदी में मान्यता है
उद्देश्य
मुंबई हिंदी विद्यापीठ के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
• ग्रामीण क्षेत्रों तक हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि का प्रचार-प्रसार करना।
• हिंदी भाषा को समृद्ध करते हुए अन्य प्रांतीय भाषाओं के साहित्य का समन्वय बनाए रखना।
• हिंदी भाषा के माध्यम से शिक्षा, कला, संस्कृति, और विज्ञान की शिक्षा देना।
• प्रति वर्ष हिंदी दिवस सप्ताह का आयोजन करना।
• छात्रों को अपने आगे की पढ़ाई या नौकरी के लिए विद्यापीठ परीक्षाओं द्वारा सहायता करना।
विशेषताएँ
मुंबई हिंदी विद्यापीठ की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
• हिंदी प्राचर, मान्यस्तर, और उपाधि परीक्षाओं का अखिल भारतीय स्तर पर संचालन करना।
• ‘भारती’ मासिक पत्रिका का प्रकाशन करना।
• विद्यापीठ द्वारा प्रकाशित एवं अन्य परीक्षोपयोगी प्रकाशनों की बिक्री करना।
• शाखा कार्यालयों द्वारा अनेक हिंदी स्पर्धाओं का संचालन करना।
• अखिल भारतीय हिंदी कार्यकर्ता शिबिर का आयोजन करना।
• स्व. बाळकृष्ण धा. बागवे वक्तृत्व तथा स्व. गिरीश माथुर निबंध प्रतियोगिता का राज्य स्तरीय आयोजन करना।
• “स्व. रामविलास आनंदिलाल पोद्दार हिन्दी सेवी पुरस्कार” से हिन्दी सेवा का प्रतिवर्ष सम्मान करना।
• प्रति तीन वर्ष बाद उपाधि परीक्षा केंद्रों के लिए नूतनीकरण शिबिर का आयोजन करना।
• भारत सरकार से आर्थिक सहयोग (अनुदान) प्राप्त होने पर हिन्दी शिक्षकों की नियुक्ति करना।
• हिन्दी पुस्तकालय एवं सन्दर्भ ग्रन्थ संग्रहालय का संचालन करना।
• एस.एस.सी. (दसवी) परीक्षार्थियों की हिन्दी व्याख्यानमाला का शाखा कार्यालय एवं केंद्रों पर आयोजन करना।
• हिन्दी संगणक प्रशिक्षण का आयोजन करना।
• शिक्षा आचार्य (बी. एड. स्तर पाठक्रम) परीक्षा का आयोजन करना।
• विद्यापीठ के केंद्र संचालकों के लिए कार्यशाला का आयोजन करना।
• राज्यस्तरीय हिन्दी शिक्षक सम्मेलन का आयोजन करना।
हिंदी विद्यापीठ मुंबई की स्थापना 12 अक्टूबर 1938 को हुई थी
मुंबई हिंदी विद्यापीठ को स्थाई मान्यता भारत सरकार क्रमांक
पत्र सं. एफ. 9-1 /88-डी - 1 ( भाषा)
5 मई 1988
मानव संसाधन विकास मंत्रालय,
शास्त्री भवन, नई दिल्ली- 110001
मुंबई हिंदी विद्यापीठ का स्थाई मान्यता के उपरांत बहुत सारे राज्य में समकश मान्यता प्रदान किए है और इसका मुख्य कार्यालय वर्तमान में 1 माहिम पश्चिम मुंबई 16 में कार्यान्वित है
महाराष्ट्र सरकार ने दिनाक 28 फरवरी 2007 को शासननिर्णय उच्च एवं तंत्र शिक्षण विभाग क्रमांक २००७/(२६/०७)/मशी-६ उतमा परीक्षा (मैट्रिक 10) समकक्ष और भासा रत्न को (12 यानी इंटर) समकक्ष और साहित्य सुधाकर को बी ए हिंदी समकक्ष मान्यता प्रदान किए है जिस पर आगे के सभी कोर्स और सरकार की सभी सरकारी छेत्र में मान्यता प्रदान किया है
विश्वविद्यालयों, मानविकी विश्वविद्यालयों, स्वैच्छिक मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्रदान की गई डिग्री/डिग्री समकक्षता।
महाराष्ट्र शासन
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग शासन निर्णय क्र. समक-2007/(26/07)/माशी-6 विस्तार मंत्रालय भवन, मुंबई 400 032।
दिनांक: 28 फरवरी, 2007
देखें :- 1) शासन निर्णय, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, क्र. समक 1099/134 /माशी-4,
द. 14 जून
2)सरकारी अनुपूरक पत्र क्र. क्रमांक 1099/134/एमशि-1 दिनांक 5 अप्रैल 2003 3) मुंबई हिंदी विश्वविद्यालय, मुंबई। एफ-2/2006-2007/2553 दिनांक 18 दिसंबर का पत्र,
हिंदी विध्यपिथ की उतमां 10 समकक्ष उपाधि परीक्षा उत्तीर्ण होने से कुछ बोर्ड में 11 में प्रवेश मिलता है और 12 समकक्ष भासा रत्न परीक्षा पास होने से आगे बैचलर के सभी कोर्स में प्रवेश कुछ विद्यालय में प्रवेश मिलता है
और बी ए हिंदी साहित्य सुधाकर परिक्षा पास करने से मास्टर के कोर्स में प्रवेश मिलता है जो हमारे साथ सलग्न विश्व विद्यालय है उनमें हम प्रवेश करवाते है
साल में दो खंड में प्रवेश परिक्षा का आयोजन होता है इनमे से कोई भी सत्र में pravesh le sakta hai
कर्नाटक राज्य सरकार में सर्कुलर नंबर को क्रमांक हिंदी 1837-59 पब्लिक 7 1 - 72 दिनांक 16.11.1971 द्वारा स्थाई मान्यता प्राप्त है
मध्य प्रदेश सरकार में सर्कुलर नंबर क्रमांक हिंदी 595 - 1083/1(३) dinank 18.9.1973 द्वारा स्थाई मान्यता प्राप्त है
बिहार राज्य सरकार में आदेश क्रमांक नंबर सम. 8/आर 1 203/७३ का 12860 दिनांक 21 July 1975
राजस्थान माध्यमिक बोर्ड में पत्र क्रमांक दी 1627 जी/ए/ 11-61 दी 16 फरवरी 1961 द्वारा हिंदी भाषा रत्न और उसे ऊंची परीक्षाएं उत्पन्न छात्र को केवल एक विषय अंग्रेजी लेकर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की हाई स्कूल में परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति है
-: हमारे उद्देश्य :-
1. ग्रामीण क्षेत्रों तक हिन्दी भाषा एवं देवनागरी लिपि का प्रचार-प्रसार करना ।
2. हिन्दी भाषा को समृद्ध करते हुए अन्य प्रांतीय भाषाओं के साहित्य का समन्वय बनाए रखना ।
3. हिन्दी भाषा के माध्यम से शिक्षा, कला संस्कृति, विज्ञान की शिक्षा देना एवं उनके विकास में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना ।
4. प्रति वर्ष विविध शाखा कार्यालय अंतर्गत “हिन्दी दिन” सप्ताह का आयोजन करना ।
5. हिन्दी भाषा के माध्यम से छात्रों को अपने आगे की पढ़ाई या नौकरी, व्यवसाय के लिए विद्यापीठ परीक्षाओं द्वारा सहायता करना ।
-: हमारी विशेषताएँ :-
1. हिंदी प्राचर, मान्यस्तर एवम उपाधि परीक्षाओं का अखिल भारतीय स्तर पर संचालन करना ।
2. ‘भारती’ मासिक पत्रिका का प्रकाशन ।
3. विद्यापीठ द्वारा प्रकाशित एवं अन्य परीक्षोपयोगी प्रकाशनों की बिक्री ।
4. शाखा कार्यालयों द्वारा अनेक हिन्दी स्पर्धाओं का संचालन ।
5. अखिल भारतीय हिन्दी कार्यकर्ता शिबिर का आयोजन ।
6. स्व. बाळकृष्ण धा. बागवे वक्तृत्व तथा स्व. गिरीश माथुर निबंध प्रतियोगिता का राज्य स्तरीय आयोजन ।
7. “स्व. रामविलास आनंदिलाल पोद्दार हिन्दी सेवी पुरस्कार” से हिन्दी सेवा का प्रतिवर्ष सम्मान करना ।
8. प्रति तीन वर्ष बाद उपाधि परीक्षा केंद्रों के लिए नूतनीकरण शिबिर का आयोजन करना ।
9. भारत सरकार से आर्थिक सहयोग (अनुदान) प्राप्त होने पर हिन्दी शिक्षकों की नियुक्ति करना ।
10. हिन्दी पुस्तकालय एवं सन्दर्भ ग्रन्थ संग्रहालय का संचालन ।
11. एस.एस.सी. (दसवी) परीक्षार्थियों की हिन्दी व्याख्यानमाला का शाखा कार्यालय एवं केंद्रों पर आयोजन ।
12. हिन्दी संगणक प्रशिक्षण का आयोजन ।
13. शिक्षा आचार्य (बी. एड. स्तर पाठ्यक्रम) परीक्षा का आयोजन ।
14. विद्यापीठ के केंद्र संचालकों के लिए कार्यशाला का आयोजन ।
15. राज्यस्तरीय हिन्दी शिक्षक सम्मेलन का आयोजन ।